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KCGMC यौन उत्पीड़न मामला: आंतरिक जांच कमेटी की सीलबंद रिपोर्ट तैयार, 7 फरवरी को विधायक कमेटी देगी अपना फैसला

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रिंकू नरवाल, करनाल27 मिनट पहले

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मेडिकल कॉलेज के बाहर की फाइल फोटो।

कॉलेज की आंतरिक जांच कमेटी ने शनिवार को भी दिन भर कमरा लॉक कर यौन उत्पीड़न की रिपोर्ट आज फाइनल हो गई। कमेटी ने रिपोर्ट पर सील लगा कर काम को अंतिम रूप दे दिया है। रिपोर्ट सोमवार को विधायक दल की कमेटी को सौंपी जाएगी। विधायक दल की कमेटी रिपोर्ट का अध्ययन कर सात फरवरी को अपना निर्णय देगी।

सूत्रों की मानें तो अभी तक की रिपोर्ट में OT मास्टर को आरोपों के घेरे में पाया गया है। लेकिन बताया जा रहा है कि डॉक्टर फौजिया रहमान पर जांच कमेटी ने रियायत बरत दी है। हालांकि डा. फौजिया पर आरोप है कि उन्होंने OT मास्टर को खासी छूट दे रखी थी। जिस वजह से वह मनमानी करता था। जांच भले ही मुकम्मल हो गई हो, लेकिन पहले दिन से लेकर जांच पूरी होने तक कमेटी भी सवालों के घेरे में रही।

मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए पहुंची विधानसभा कमेटी की फाइल फोटो।

मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए पहुंची विधानसभा कमेटी की फाइल फोटो।

इसलिए फौजिया बच सकती है

क्योंकि वह 2 महीने से छुट्टी पर थी। HOD का चार्ज डायरेक्टर जगदीश दूरेजा ने ले रखा था। हालांकि बताया जा रहा है कि यह भी नियमों के विपरीत था। लेकिन जांच कमेटी ने इस तथ्य की ओर देखा तक नहीं। कोशिश यह रही कि किसी भी तरह से कॉलेज के सीनियर को बचाया जाए। इस वजह से न तो डॉक्टर दूरेजा को पूछताछ के लिए बुलाया गया। और न ही उनसे कोई सवाल जवाब किया गया।इधर पीड़ित छात्राओं ने बताया कि डायरेक्टर ने उनकी बात नहीं सुनी, इस वजह से उन्हें विधायक कमेटी के सामने खुल कर आना पड़ा। यदि उनकी बात पहले सुन ली जाती तो इस लेवल पर उन्हें जाना ही न पड़ता।

डायरेक्टर की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

​​​​​​​डायरेक्टर दूरेजा की कार्यप्रणाली पर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं। छात्राओं के मामले में भी उनकी भूमिका संदेह के घेरे में हैं। फिर भी उन्हें जांच में शामिल न करना किसी ने किसी स्तर पर बचाने की कोशिश है। पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट की एडवोकेट व महिला अधिकार कार्यकर्ता आरती अग्रवाल ने बताया कि संस्थान का हेड होने के नाते उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी। जिसे वह निभाने में विफल रहे हैं। यह जांच होनी चाहिए थी कि छात्राओं की समस्या पर उन्होंने क्यों समय रहते कदम नहीं उठाए। निश्चित ही डायरेक्टर की इस लापरवाही से छात्राओं का मनोबल कमजोर हुआ है।

विद्यार्थियों से बातचीत करते कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी की फाइल फोटो।

विद्यार्थियों से बातचीत करते कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी की फाइल फोटो।

रिपोर्ट से पता चलेगा जांच कितनी पारदर्शी हुई

​​​​​​​बड़ौदा से कांग्रेस के विधायक इंदूराज ने बताया कि इस मामले को लेकर हम जल्दबाजी में नहीं है। इसमें दो राय नहीं कि छात्राओं के साथ नाइंसाफी हुई है। कई सीनियर ने उन्हें दबाने की कोशिश की। पर क्योंकि अब मामला विधानसभा कमेटी के सामने आ ही गया, इसलिए इसे अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। वह यह देखना चाह रहे हैं कि कॉलेज के आंतरिक जांच कमेटी जांच किस तरह से करती है। रिपोर्ट न सिर्फ छात्राओं को इंसाफ दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे यह भी पता चलेगा कि कमेटी ने कितनी ईमानदारी से काम किया है।

हर सवाल का जवाब मांगा जाएगा

​​​​​​​मामले को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, उनका जवाब मांगा जाएगा। यदि डायरेक्टर की भी किसी स्तर पर लापरवाही या नियमों की अनदेखी रही तो उनसे भी इसका जवाब मांगा जाएगा। हम छात्राओं को इंसाफ दिलाएंगे, यह उनके साथ पहले ही दिन वादा किया गया था। जो आरोप लगे, वह बेहद संगीन है। कॉलेज को मौका दिया गया, जांच करें। उनकी जांच सही हुई तो ठीक, नहीं तो विकल्प बहुत है। कल रिपोर्ट मिल जाएगी। यदि OT मास्टर जांच में दोषी पाया जाता है तो उसके अनुरूप आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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