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लॉरेंस से जुड़े केस में गवाह मुकरा: चंडीगढ़ कोर्ट ने एक आरोपी किया बरी; स्टूडेंट नेता पर घर में घुसकर हमला किया था

चंडीगढ़6 मिनट पहले

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पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपी और सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने वाले कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस से जुड़े 12 साल पुराने केस में एक आरोपी को चंडीगढ़ जिला अदालत ने बरी कर दिया है। वर्ष 2011 के इस मामले में लॉरेंस के खिलाफ ट्रायल अभी लंबित है।

मामले में कोर्ट ने जसदीप सिंह संधू नामक आरोपी को बरी किया है। वह अमृतसर का रहने वाला है। मामले में शिकायतकर्ता और अन्य गवाहों ने उसे कोर्ट में पहचानने से इनकार कर दिया।

कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि लॉरेंस और इंद्रजीत सिंह इस केस में प्रोडक्शन वारंट के जरिए पेश नहीं क्योंकि उनकी विभिन्न राज्यों में पुलिस को कस्टडी की हुए जरूरत है। ऐसे में केस का ट्रायल लंबा खीच रहा है।

तलवारों से हमला करने के आरोप थे
लॉरेंस व अन्यों के खिलाफ हरियाणा स्टूडेंटस’ एसोसिएशन(HSA) के पूर्व प्रधान हरप्रीत सिंह ग्रेवाल की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था। ग्रेवाल ने आरोप लगाया था कि लॉरेंस जो उस समय SOPU का प्रधान था, अपने 4 से 5 साथियों के साथ उसके घर सेक्टर 40 में आया। 29 जून, 20211 को रात को लगभग 8:45 बजे उसके घर में दाखिल हुए हमलावरों ने उन पर व उनके दोस्तों पर हमला कर दिया। उनके चेहरे ढके हुए थे। आरोप के मुताबिक लॉरेंस के पास पिस्टल था और उसके साथी हाथों में तलवारें लिए हुए थे। उनमें से एक हमालवर ने शिकायतकर्ता पर तलवार से हमला कर दिया।

दिन में PUSU से बहस हुई थी
शिकायतकर्ता के साथी सिकंदर और मनिंदर पर भी तलवार से हमला हुआ था। इन पर हमला करने के बाद आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी दे फरार हो गए थे। शिकायतकर्ता ने पहले पुलिस को बताया था कि घटना वाले दिन सुबह लॉरेंस का PUSU के कुछ मेंबर्स के साथ DAV कॉलेज, सेक्टर 10 में विवाद हो गया था। उस दौरान शिकायतकर्ता PUSU मेंबर्स के साथ बैठा हुआ था। उनकी लॉरेंस के साथ अच्छी बातचीत नहीं थी।

इन धाराओं में केस दर्ज हुआ था
शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने IPC की धारा 147, 148, 149, 452, 323, 325 और 506 समेत आर्म्स एक्ट की धारा 25, 54,59 के तहत केस दर्ज किया था। जांच पूरी कर पुलिस ने चालान पेश किया था। मामले में जसदीप सिंह संधू के खिलाफ IPC की धारा 147, 148, 149, 323, 325 और 506 के तहत केस का ट्रायल शुरू हुआ था। मामले में जसदीप के वकील ने कोर्ट को बताया कि मुख्य गवाह और अन्यों के मुकरने से लगाए गए आरोप सिद्धू नहीं होते। ऐसे में कोर्ट ने तथ्यों को देख आरोपी को बरी कर दिया।

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