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रेवाड़ी में मंत्री के सामने पार्षदों ने रोया दुखड़ा: बोले-कैसे होगा सबका साथ-सबका विकास; 5 हजार का काम तक नहीं करा सकते

रेवाड़ी35 मिनट पहले

हरियाणा के रेवाड़ी शहर में पहली बार पहुंचे स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता के सामने भाजपा के ही पार्षदों ने खूब दुखड़ा रोया। पार्षदों ने कहा कि उनकी हैसियत 5 हजार रुपए का काम कराने की भी नहीं रह गई। ऐसे में कैसे सबका साथ-सबका विकास होगा। पिछले 1 साल से शहर के विकासकार्य ठप्प पड़े है। इसके साथ ही पार्षदों ने अपनी मांगों का एक पत्र भी मंत्री को सौंपा।

डेवल्पमेंट के नाम पर कुछ नहीं हुआ

पार्षदों ने मंत्री के सामने कहा कि शहर के हालात पूरी तरह बिगड़ चुके है। डेवल्पमेंट के नाम पर कुछ नहीं हो रहा। शहर के कई महत्वपूर्ण कार्यो के टेंडर लंबे समय से पेंडिंग है। नगर परिषद का हाल यह है कि यहां अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक का टोटा है।

महत्वपूर्ण सीटों पर निचले स्तर के कर्मचारियों को काम का जिम्मा सौंपा हुआ है। ऐसे में कैसे शहर के हालात सुधरेंगे। जबकि उन्हें जनता के बीच जाना पड़ता है। जनता उनसे सवाल करती है और उनके पास कोई जवाब नहीं होता।

मंत्री को अपनी मांगों का पत्र सौंपते हुए।

पार्षदों ने उठाए काफी मुद्दे

पार्षदों की तरफ से मंत्री को सौंपे गए पत्र में 11 मांगों का जिक्र किया गया। पार्षदों ने कहा कि डोर-टू-डोर कलेक्शन का टेंडर 2019 के बाद नहीं किया गया। इससे शहर को परेशानी उठानी पड़ रही है। इसकी निविदा जारी की जाए।

3 साल से अब तक नई स्ट्रीट लाइटें नहीं खरीदी गई, जिससे वार्डो में लाइटें नहीं मिल पा रही है। साथ ही इन 3 सालों में लाइटों की मेंटिनेंस तक नहीं की गई, जिसकी वजह से अंधेरा छाया रहता है। सफाई कर्मचारियों की कमी की वजह से वार्ड में सफाई तक नहीं हो पा रही है।

15 करोड़ रुपए स्टांप ड्यूटी बकाया

पार्षदों ने कहा कि नगर परिषद को मिलने वाली स्टांप ड्यूटी की राशि दी जाए। यह राशि जिला प्रशासन के पास आ चुकी थी, लेकिन कुछ कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से यह वापस चली गई। करीब 15 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी बकाया है। नगर परिषद कोष में विकास के लिए फंड नहीं है।

इसलिए सरकार को फंड जारी करना चाहिए। साथ ही प्रोपर्टी आईडी में अब भी भारी खामियां है। इसलिए वार्ड में कैंप लगाकर इन्हें ठीक कराया जाए, जिससे शहर के लोगों की परेशानी दूर हो सके।

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