करनाल में आज से गेहूं की सरकारी खरीद: मंडियों में कहीं गंदगी के ढेर तो कहीं पशुओं का डेरा, तैयारी पूरी होने के दावे फेल

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करनालकुछ ही क्षण पहले
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मंडी में दुकानों के बाहर खड़े बरसात के पानी का दृश्य।
हरियाणा के करनाल जिले की मंडियों में आज से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने जा रही है। प्रशासन का दावा है कि गेहूं खरीद के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई, लेकिन जिले मंडियों की बात करे तो अब तक साफ सफाई तक नहीं हो पाई है। जिले की सभी मंडियों में गंदी के ढेर लगे हुए हैं। कई मंडियों में पशुओं ने डेरा डाला हुआ। शुक्रवार को हुई बारिश के कारण मंडियों में कई जगहों पर पानी भी खड़ा हुआ है।

मंडी में लगे कूड़े के ढेर।
वहीं जिस हिसाब से बारिश हो रही है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि खेतों में गेहूं की कटाई का दौर 10 अप्रैल के आसपास शुरू होगा, क्योंकि फसल पर मौसम की मार पड़ी है। जिससे किसानों को बिछी हुई फसल को कटवाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वहीं अगर बात की जाए मंडी में किसानों के लिए व्यवस्थाओं की तो मंडी प्रबंधन की तरफ से साफ सफाई से लेकर शौचालयों तक की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किए जाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि मंडियों में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है, शौचालयों में पानी नहीं, सफाई नहीं। पानी की निकासी नहीं और शेड तक टूटे पड़े हैं।
अधिकारियों का दावा व्यवस्था पूरी
अधिकारियों की माने तो फसल को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल व शेड की व्यवस्था भी की गई है और रात के समय में लाइटों के विशेष प्रबंध किए गए हैं। वहीं अगर बात की जाए किसानों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की तो किसानों के लिए मंडियों में अटल मजदूर कैंटीन है, जहां पर महज 10 रुपए में किसान या मजदूर खाना ले सकते हैं।

मंडी में फैली गंदगी का दृश्य।
गेहूं की कटाई का दौर अगले सप्ताह में शुरू हो जाएगा और मंडियों में गेहूं से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां पहुंचेंगी। गेट पास कटने के बाद ही किसानों की गेहूं सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी जाएगी। हालांकि अभी तक यह सामने नहीं आ पाया है कि गेट पास काटे जाने को लेकर पोर्टल पर किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी तो नहीं है। अधिकारियों की माने तो फिलहाल तो किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जब गेट पास कटने शुरू होंगे, उसी के बाद वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा।
करनाल की मंडी के हालात
करनाल मंडी में भूसे के बड़े बड़े ढेर लगे हुए हैं। शायद इनको उठाने वाला कोई नहीं है। सफाई का ठेका जरूर दिया गया है, लेकिन सरकारी तंत्र और ठेका प्रथा में किस तरह से कार्य किया जाता है उसका अंदाजा करनाल की मंडी को देखकर लगाया जा सकता है। आढ़ती भी कहते हैं कि जल्द ही सफाई भी हो जाएगी। वहीं करनाल सहित अन्य मंडियों में पशुओं की भरमार है।

मंडी में बारिश के बाद खड़ा बारिश का पानी।
बारिश बढ़ा रही है किसानों की समस्या
कुछ दिन पहले ही बरसात शुरू हुई थी। तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने किसानों की खड़ी फसल को जमीन में लेटा दिया। ऐसे में किसानों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। किसानों को दो दिन पहले तक लग रहा था कि मौसम खुल चुका है और एक अप्रैल से वे अपने खेतों की गेहूं को मंडियों में उतार पाएंगे, लेकिन कुदरत किसानों का साथ नहीं दे रही है। शुक्रवार को फिर बारिश शुरू हो गई। जिससे किसानों को खेत में खड़ी फसल की ही चिंता सता रही है। किसान दुखी है।
घरौंडा मंडी में जलभराव की स्थिति
बारिश के दिनों में सीवर व्यवस्था सही ना होने के कारण पानी मार्किट कमेटी कार्यालय के सामने ही खड़ा हो जाता है और कई कई फुट गहरे पानी से निकलकर लोगों को जाना पड़ता है। ऐसे में जब मार्केट कमेटी सचिव सुंदर सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मंडी में व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं और पानी की निकासी के लिए मार्केट कमेटी के एक्सईएन को बोला गया है कि वह यहां पर एक्स्ट्रा पंप सेट लगाए, ताकि दिक्कतें ना हो।
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