
अंबालाएक घंटा पहले
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प्रतीकात्मक फोटो।
हरियाणा के अंबाला जिले में बन रहे 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीदी स्मारक में प्रदेशभर के वीरों द्वारा दिखाए गए अदम्य साहस की गाथा को दर्शाया जाएगा। यहां स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हरियाणा में हुए संघर्षों, लड़ाइयों और घटनाओं को विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
300 करोड़ की लागत से बन रहा शहीदी स्मारक
अंबाला में दिल्ली- चंडीगढ़ नेशनल हाईवे के निकट 300 करोड़ की लागत से 22 एकड़ भूमि पर आजादी की पहली लड़ाई का पहला भव्य शहीदी स्मारक बन रहा है। इसमें ‘आजादी की पहली लड़ाई के दौरान हुए संघर्षों, लड़ाइयों और घटनाओं को प्रदर्शित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग से युक्त एक संग्रहालय स्थापित किया जा रहा है।
11 जून को इतिहासकार पहुंचेंगे अंबाला
मिली जानकारी के मुताबिक, आगामी 11 जून को इतिहासकारों की एक विशेष टीम अंबाला पहुंचेगी। यह टीम अंबाला में बन रहे शहीदी स्मारक स्थल का दौरा करेगी और आजादी की पहली लड़ाई का शहीदी स्मारक’ के संग्रहालय में प्रदर्शित किए जाने वाले ऐतिहासिक तथ्यों का निरीक्षण करेगी।
तीन चरणों में दर्शाया जाएगा इतिहास
प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 की क्रांति में कई ऐसे योद्धा और सेनानी रहे हैं, जिनको इस शहीद स्मारक में दिखाया जाएगा। स्मारक में तीन भागों में 1857 की क्रांति का पदार्पण होगा। पहले चरण के तहत अंबाला में 1857 की क्रांति कब शुरू हुई थी, कहां से शुरू हुई थी, उसका इतिहास दिखाया जाएगा।
दूसरे चरण में हरियाणा में 1857 की क्रांति कहां-कहां लड़ी गई। तीसरे चरण में देश में कहां-कहां आजादी की लड़ाई लड़ी गई और झांसी की रानी समेत अन्य क्रांतिकारियों की भूमिका दर्शाई जाएगी।
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